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Bhai Dooj 2025 : भाई दूज के दिन करें ये काम, अकाल मृत्यु से मिलेगी मुक्ति, पैसों से भर जाएगा घर का हर कोना

Bhai Dooj 2025 पर जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व, और वो खास उपाय जो अकाल मृत्यु से मुक्ति और घर में धन-संपत्ति लाते हैं। पढ़िए पौराणिक कथाओं के अनुसार भाई दूज की पूरी जानकारी।

Bhai Dooj 2025 पर जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व, और वो खास उपाय जो अकाल मृत्यु से मुक्ति और घर में धन-संपत्ति लाते हैं। पढ़िए पौराणिक कथाओं के अनुसार भाई दूज की पूरी जानकारी।

Bhai Dooj 2025 : भाई दूज का पौराणिक महत्व

दीपावली के पांच दिवसीय त्योहारों में भाई दूज का विशेष स्थान है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णन है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना ने अपने भाई यमराज को घर आमंत्रित किया था। भोजन करवाने के बाद उन्होंने यमराज से रक्षा सूत्र बंधवाया और उनसे पापों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त किया। तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।

Bhai dooj 2025: भाई दूज का पर्व कैसे मनाते हैं जानिए संपूर्ण विधि

Bhai Dooj 2025 : शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस दिन तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:13 से 3:28 बजे तक रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर आरती करती हैं और दीर्घायु व सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

Bhai Dooj 2025 : सोना-चांदी देने का महत्व

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के अनुसार, भाई दूज के दिन अगर भाई अपनी बहन को सोने-चांदी के आभूषण उपहार में देते हैं, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे न केवल संबंधों में प्रेम बढ़ता है बल्कि घर में धन-वैभव और समृद्धि भी आती है।

Bhai Dooj 2025: दिवाली के बाद इस दिन होगा भाई का टीका, इस साल भाई दूज पर भद्रा नहीं - bhai dooj 2025 bhai dooj will be celebrated on 23 october after

Bhai Dooj 2025 : क्या कहता है पद्म पुराण?

पद्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपनी विवाहित बहन को वस्त्र या आभूषण भेंट करता है, वह वर्ष भर किसी विवाद या शत्रु भय से मुक्त रहता है। धन, यश और सफलता उसकी झोली में बनी रहती है।
ऐसा भी माना गया है कि भाई अगर इस दिन बहन के घर भोजन करता है और उसे उपहार भेंट करता है, तो उसे अकाल मृत्यु से मुक्ति प्राप्त होती है और घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है।

भाई दूज सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि प्रेम, सम्मान और सुरक्षा की भावना का प्रतीक है। इस दिन बहन द्वारा किया गया तिलक और भाई द्वारा दिया गया स्नेहपूर्ण उपहार जीवन में शुभ फल देता है। इस पवित्र पर्व को प्रेम, सच्चे मन और श्रद्धा के साथ मनाना ही इसका वास्तविक उद्देश्य है।

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