दिल्ली सरकार के ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए बढ़ेंगीं 100 सीटें
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में अगले सेशन से लड़कियों के लिए 100 सीटें बढ़ाई जाएंगी। लड़कियों को आगे बढ़ने के और मौके मिल सकें, इसके लिए शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को यह घोषणा की। ये अतिरिक्त सीटें होंगी। इस स्कीम के साथ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग और मेडिकल इंस्टिट्यूट में दाखिला पाने के लिए कोचिंग दी जा रही है। अभी क्लास 9 से लेकर क्लास 11 तक के 300 स्टूडेंट्स को स्कीम का फायदा मिल रहा है। अगले सेशन से 400 स्टूडेंट्स को यह फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना के जरिए सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग के लिए – जेईई और मेडिकल सीट पाने के लिए नीट की तैयारी के लिए कोचिंग मिलती है। स्कीम के लिए हर साल 9वीं और 11वीं के 300 स्टूडेंट्स को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई और नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।
इस स्कीम के जरिए टॉप कोचिंग सेंटर्स में कोचिंग पा रहे स्टूडेंट्स से शिक्षा मंत्री आतिशी ने बातचीत कर उनके अनुभवों को जाना। आतिशी ने कहा कि ‘सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपने सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब हर परिवार का बच्चा बढ़े, डॉक्टर-इंजीनियर बनने का अपना सपना पूरा करे। इसलिए इस स्कीम की शुरुआत की।’ इस बातचीत के बीच स्टूडेंट्स ने कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस का टेंशन नहीं है। वे पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। आतिशी ने कहा कि इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं है।