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GST फर्जीवाड़े में तमिलनाडु से महिला कारोबारी गिरफ्तार

GST फर्जीवाड़े में तमिलनाडु से महिला कारोबारी गिरफ्तार

अमर सैनी

नोएडा। 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह की एक महिला कारोबारी को नोएडा पुलिस ने तमिलनाडु पुलिस की मदद से तमिलनाडु के कोयम्बटूर से गिरफ्तार किया है। इस महिला कारोबारी पर नोएडा पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा था। इस मामले में नोएडा पुलिस अब तक ये 48वीं गिरफ्तारी है। खास बात ये है किसी भी आरोपी को अब तक जमानत नहीं मिली है।

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जिस महिला कारोबारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसकी पहचान सुगन्यया प्रभु हुई हैं। इसने भी फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर ठगी की थी। लंबे समय से वांछित होने के कारण इस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस के मुताबिक महिला ने कई ऐसी कंपनी और फर्म बनाई जिसका वजूद सिर्फ कागजों पर रहा। धरातल पर वह कंपनी थी ही नहीं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनी की बिलिंग की और इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए।

33 आरोपियों पर गैंगस्टर
इसी जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएडा पुलिस ने अब तक 33 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। नोएडा पुलिस अब इन आरोपियों की चल और संपत्ति की पहचान कर उसे कुर्क करने की कार्रवाई करेगी। कई आरोपियों की संपत्ति की पहचान नोएडा पुलिस द्वारा कर भी ली गई है। इस मामले में अब तक कुल 46 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। नोएडा पुलिस के प्रभावी पैरवी के कारण इस मामले में बीते एक साल से किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल सकी है। कई आरोपियों पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है।

कई आरोपियों के विदेश में होने की आशंका
फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपी परिवार समेत विदेश भाग चुके हैं। नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी मिली है कि कुछ आरोपियों ने दुबई समेत अन्य जगहों पर अपना ठिकाना बनाया हुआ है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ओपन डेटेड वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है। रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। ओपन डेटेड वारंट जारी होने के बाद या तो नोएडा पुलिस विदेश जाकर आरोपी की गिरफ्तारी करेगी या फिर इंटर पोल की मदद से वांछित आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।

ऐसे करते थे ठगी
आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डेटा हासिल करके उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे। इन कंपनियों और फ़र्मो का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था। इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाते थे। जांच में यह पता चला है कि जालसाज़ फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच देते थे।इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद किया जा रहा था। गिरोह में शामिल इनामी समेत कई अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। फरार आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य संभावित ठिकाने पर दबिश दे रही हैं। कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है।

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