The Mehta Boys Review: बमन ईरानी की पहली फिल्म ने रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ी
The Mehta Boys Review: बमन ईरानी की निर्देशित पहली फिल्म द मेहता बॉयज एक भावनात्मक पारिवारिक ड्रामा है, जो पिता-पुत्र के रिश्ते की जटिलता को बारीकी से दर्शाती है। जानिए पूरी समीक्षा।
The Mehta Boys Review: बमन ईरानी की निर्देशित पहली फिल्म द मेहता बॉयज एक भावनात्मक पारिवारिक ड्रामा है, जो पिता-पुत्र के रिश्ते की जटिलता को बारीकी से दर्शाती है। जानिए पूरी समीक्षा।
The Mehta Boys Review: बमन ईरानी की निर्देशकीय पारी और रिश्तों की अनकही कहानी
कलाकार
बमन ईरानी, अविनाश तिवारी, श्रेया चौधरी, पूजा सरूप
निर्देशक
बमन ईरानी
लेखक
बमन ईरानी और एलेक्स डाइनलारिस
निर्माता
बमन ईरानी, दानिश ईरानी, शुजात सौदागर, विपिन अग्निहोत्री
ओटीटी प्लेटफॉर्म
अमेजन प्राइम वीडियो
रिलीज डेट
7 फरवरी 2025
रेटिंग
⭐️⭐️⭐️ (3/5)
The Mehta Boys Review: 65 की उम्र में बमन ईरानी की निर्देशक के रूप में नई पारी
65 साल की उम्र में बमन ईरानी ने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा, और यह एक प्रेरणादायक सफर है। उनकी फिल्म द मेहता बॉयज रिश्तों की उलझनों और भावनाओं की गहराई को सजीव करती है। खास बात यह है कि इस फिल्म को बमन ईरानी ने न केवल निर्देशित किया, बल्कि इसका लेखन भी ऑस्कर विजेता लेखक एलेक्स डाइनलारिस के साथ मिलकर किया है, जो Birdman जैसी फिल्म के लिए जाने जाते हैं।
The Mehta Boys Review: कहानी की झलक: एक पिता-पुत्र की अनकही दास्तान
फिल्म द मेहता बॉयज मुंबई में रहने वाले एक नक्शानवीस की कहानी बयां करती है, जो अपने हुनर पर पूरी तरह से यकीन नहीं कर पाता। उसकी दोस्त उसे समझाने की कोशिश करती है, लेकिन इसी बीच उसकी मां का निधन हो जाता है। बेटा घर लौटता है, और उसकी बहन पहले से अमेरिका से आ चुकी होती है। असली कहानी तब खुलती है जब पिता और बेटे के बीच टकराव और अनकही भावनाओं का सिलसिला शुरू होता है।
पिता और बेटे के रिश्ते में अकड़ है, लेकिन प्यार भी है। पर दोनों इसे व्यक्त नहीं कर पाते। एक सीन में बेटा अपने पिता के हाथों बने गर्म नूडल्स खाते हुए चार्ली चैपलिन की फिल्म देखता है और पहली बार हंसता है। यह भावनात्मक जुड़ाव फिल्म को और गहराई देता है।
The Mehta Boys Review: फिल्म क्यों देखें?
अगर आप रिश्तों की पेचीदगियों को पर्दे पर सजीव देखना चाहते हैं, तो द मेहता बॉयज आपके लिए है। यह एक किताब की तरह खुलती है और इसे पढ़ने का अलग ही मज़ा है। फिल्म दिखाती है कि बाप-बेटे के रिश्ते में कितना कुछ अनकहा रह जाता है, जिसे समय और परिस्थितियां धीरे-धीरे खोलती हैं।
The Mehta Boys Review: अभिनय का दमखम
✅ बमन ईरानी: हरफनमौला कलाकार, जिन्होंने निर्देशन, लेखन और अभिनय तीनों में कमाल किया है।
✅ अविनाश तिवारी: कई जगह पर मनोज बाजपेयी जैसी गहराई लिए नजर आते हैं।
✅ श्रेया चौधरी: फिल्म की आत्मा, जो बेटे और पिता के बीच की खाई को भरने का प्रयास करती हैं।
✅ पूजा सरूप: सीमित भूमिका में भी शानदार प्रभाव छोड़ती हैं।
The Mehta Boys Review: कमजोर कड़ियां
🔻 क्लाइमैक्स अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता
🔻 सिनेमैटोग्राफी बेहतर हो सकती थी
🔻 फिल्म को और संक्षिप्त बनाया जा सकता था (90 मिनट की होती तो बेहतर होता)
🔻 गीत-संगीत की कमी महसूस होती है
फाइनल वर्डिक्ट
द मेहता बॉयज एक गहरी भावनात्मक फिल्म है, जो ठेठ कमर्शियल मसाला फिल्मों से अलग है। हालांकि फिल्म सिनेमाघरों तक नहीं पहुंची, लेकिन गोवा फिल्म फेस्टिवल में इसे सराहा गया और ओटीटी पर भी इसे एक अच्छी फैमिली फिल्म के रूप में देखा जा सकता है। अगर इस वीकेंड आपको हल्की-फुल्की लेकिन संवेदनशील कहानी देखनी है, तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
👉 रेटिंग: ⭐️⭐️⭐️ (3/5)