भारत

तनाव : नीट पीजी अभ्यर्थी संकोच छोड़ें – परामर्श लें

-परीक्षा का स्थगन आपकी तैयारी को निखारने व मजबूत करने का एक और अवसर

नई दिल्ली, 23 जून : एक व्यक्ति एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर की डिग्री तो हासिल कर लेता है लेकिन वह मेडिकल में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी या एमएस) होने के बाद ही एक पूर्ण डॉक्टर बन पाता है। इसके लिए वह बेहतरीन टाइम मैनजमेंट करता है। पीजी परीक्षा की तैयारी करता है। ताकि करियर सैटल होने के बाद शादी- ब्याह व भविष्य की अन्य योजनाओं पर अमल कर सके। लेकिन जब अपरिहार्य कारणों से उसकी परीक्षा स्थगित हो जाती है। तब न सिर्फ उसका बेशकीमती समय बर्बाद हो जाता है बल्कि सपने भी टूटते नजर आते हैं और वह तनाव या डिप्रेशन का शिकार बन जाता है।

इस संबंध में मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर ओमप्रकाश ने कहा कि नीट पीजी या राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा -परा स्नातक स्थगित होने से मेडिकल छात्र तनाव का शिकार तो हो रहे हैं। लेकिन, स्वयं डॉक्टर होने के बावजूद मानसिक रोग विशेषज्ञों से परामर्श लेने में कतरा रहें हैं। ऐसी ही स्थिति कोरोना महामारी के दौरान देखी गई थी जब कोविड -19 संक्रमण को लेकर आशंकित और तनावग्रस्त लोगों के मुकाबले डॉक्टर परामर्श लेने में कतरा रहे थे। इस दौरान पूरे महीने में डॉक्टर समुदाय से सिर्फ 4 या 5 कॉल ही आते थे।

डॉ ओमप्रकाश ने कहा, परीक्षा स्थगन दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन इससे परेशान मेडिकल छात्रों को इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। सीमित अवधि के लिए स्थगन आपकी तैयारी को निखारने और मजबूत करने का एक अवसर है। सकारात्मक बने रहें। डॉ ओमप्रकाश ने कहा, छात्र मॉक टेस्ट दें और अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें। इस समय का उपयोग अपने ज्ञान को मजबूत करने के लिए करें।

उन विषयों पर ध्यान केंद्रित करें जिनमें आपको सुधार की आवश्यकता है। त्वरित अध्ययन सत्र में शामिल हों और साथियों के साथ चुनौतीपूर्ण विषयों पर चर्चा करें। उन्होंने कहा, मानसिक स्वास्थ्य मायने रखता है। यदि आवश्यक हो तो परामर्श लें। संकोच न करें। ये न सोचें कि दोस्त या सहपाठी क्या कहेंगे। तुरंत टेलीमानस हेल्पलाइन 14416 पर कॉल करें और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करें। परीक्षा का तनाव दूर करें।

डॉ ओमप्रकाश ने कहा, यह आपके चमकने का समय है। अतिरिक्त समय का उपयोग कमजोरियों को ताकत में बदलने के लिए करें। आपका लक्ष्य एक कुशल और दयालु डॉक्टर बनना है। नीट पीजी पर केंद्रित रहें। याद रखें, आप अकेले नहीं हैं। समर्थन और प्रोत्साहन के लिए अपने साथियों का सहारा लें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button